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सोमवती अमावस्या 2020 : ये करने से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ
तारीख 20 जुलाई 2020 को सोमवार के दिन अमावस्या है। इस अमावस्या हरियाली अमावस्या के नाम से जानी जाती है। इस बार 20 साल बाद हरियाली और सोमवती अमावस्या एक ही दिन 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इससे पहले वर्ष 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक ही दिन पड़ी थीं।
इस दिन की एक ओर विशेषता यह है कि इस दिन चार ग्रह उन की स्वयं की राशि में है।
आषाढ़ अमावस्या/हरियाली अमावस्या मुहूर्त…
जुलाई 20, 2020 को 00:11:42 से अमावस्या आरम्भ(मद्यरात्री)
जुलाई 20, 2020 को 23:04:10 पर अमावस्या समाप्त
हरियाली अमावस्या पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा जल(नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डाल दे) से स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। फिर अमावस्या का उपवास करें और जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा दें।
इस अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। हो सके तो इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें।
हरियाली अमावस्या के दिन नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाना भी बड़ा ही फलदायी बताया जाता है। अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
उपाय: जीवन में आ रहीं तमाम तरह की परेशानियों से छुटकारा पाना के लिए अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा पढ़ें। बजरंगबली को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। इससे दरिद्रता दूर होने की मान्यता है।
शाम को शिवजी की विधिवत पूजन करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। अमावस्या की रात को पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वस्तिक या ऊं बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें।
जैसे हम हर अमावस्या के संध्या समय पीपल के पेड़ के पास मिट्टी के कोड़िये में खड़ी बाती का घी का और आड़ी बाती का तेल का दीपक प्रगटाते है वह करें और माँ लक्ष्मी और भगवान श्री विष्णु को चिरकाल हमारे घर में निवास करने का आमंत्रण दे। हम अवश्य आबाद बनेंगे, न केवल धन से अपितु हर प्रकार से।